देश भर में संतो की हत्या जारी हैं, राजनितिक पार्टियां इस हत्या पर मौन हैं तो वामपंथी मीडिया इन हत्यायों को देश दुनिया के सामने लाना भी सही नहीं समझ रही. यह वही वामपंथी मीडिया हैं जो रेलगाड़ी में अगर दो युवकों का सीट को लेकर विवाद हो जाता हैं तो यह उसमे हिन्दू-मुस्लिम एंगल दे देते हैं.
खैर संतो की हत्या में एक नया मामला पंजाब राज्य से आ रहा हैं. 80 वर्ष के संत महा योगेश्वर महात्मा की हत्या कर दी गयी हैं, जिसको लेकर पुलिस और प्रशासन दोनों ही शांत नज़र आ रहें हैं. यह हत्या कितनी निर्मम थी इसका अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं की, 80 वर्ष के संत महा योगेश्वर महात्मा का सर धड़ से अलग था और एक बाजू गायब था और पूरा कमरा ही खून से लतपथ था.
यह घटना पंजाब राज्य के एक शहर रूपनगर की हैं. हत्या महा योगेश्वर महात्मा के ही श्री मुनि देशम आश्रम में की गयी हैं. बताया जा रहा हैं की इस हत्या को 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन पिछले 10 से इस खबर को मीडिया में आने से रोका गया और इसपर कोई ठोस कार्यवाही भी नहीं हुई. पुलिस का कहना हैं की वह जांच कर रहें हैं लेकिन जांच के नाम पर उनके पास किसी प्रकार का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला जिससे वह हत्या करने वाले को पकड़ सके.
श्री मुनि देशम आश्रम तो कहने के लिए था लेकिन सच तो यह था की महा योगेश्वर महात्मा ‘श्री मुनि देशम आश्रम’ में अकेले ही रहते थे. लोग उनसे मिलने के लिए सुबह के वक़्त आया करते थे. आस पास के इलाके में उनकी बहुत ज्यादा लोकप्रियता थी और इस घटना के बाद पुरे इलाके के लोगों में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ गुस्से की लहर हैं.
रूपनगर में महा योगेश्वर महात्मा सतलज नदी के किनारे लगभग 4 दशकों से वास कर रहे थे और नदी के किनारे ही वह पूजा पाठ किया करते थे. कुछ लोगों का कहना हैं की उन्होंने 20 साल की उम्र में ही संस्यास ले लिया था और मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के सरकाघाट के निवासी थे. आपको बता दें की रूपनगर में कांग्रेस के बड़े नेता मनीष तिवारी सांसद हैं और वो भी इस मामले चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं.
रूपनगर में शिवसेना ने इस हत्या को लेकर अपना विरोध भी दर्ज़ किया लेकिन हैरानी की बात यह हैं की महाराष्ट्र के पालघर में हुई हत्या पर शिवसेना चुप हैं. खैर, हत्या वाली जगह के बारे में बताया जा रहा हैं की वह से कमरे के बल्ब, बैटरी, इन्वर्टर आदि गायब थे. पुलिस को शक हैं की मामला चोरी से सम्बन्धी हो सकता हैं. महा योगेश्वर महात्मा जी से अक्सर मिलने वाले अमन लक्ष्मण जी ने मीडिया को बताया हैं की, महा योगेश्वर महात्मा जी के कई भक्त बहुत बड़े बड़े नाम वाले भी हैं लेकिन उन्होंने कभी फोटो वगैरह लेने की इज़ाज़त नहीं दी.
महा योगेश्वर महात्मा जी राजनितिक विषयों से हमेशा दूर ही रहा करते थे और उनको पब्लिसिटी बिलकुल भी पसंद नहीं थी. उन्होंने बद्रीनाथ में कई महीनों तक प्रवास किया हैं, जहाँ ठण्ड की वजह से मात्र 4 साधुवों को ही रहने की इजाजत मिली थी. अमन ने एक चौंकाने वाली बात बताते हुए कहा की महा योगेश्वर महात्मा जी के 4 भाई और 1 बहन भी थी उनका एक भाई सुभाष कौशल कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के संस्थापक सदस्यों में से एक था.
पुलिस ने महा योगेश्वर महात्मा के प्रियजनों को हत्या की जानकारी न देते हुए प्राकृतिक मौत की जानकारी दी हैं. ताकि उन्हें किसी प्रकार का सदमा न लगे. लोगों ने बताया की सरकार द्वारा उनके आश्रम में बिजली की भी व्यवस्था नहीं की गयी थी. लोगों ने ही श्री मुनि देशम आश्रम में सोलर पैनल्स के जरिये बिजली पहुँचाने का काम किया था. खाने की व्यवस्था भी लोग ही कर दिया करते थे.
पर सवाल यही देशभर में हो रही साधुवों की हत्या और वामपंथी मीडिया का चुप्पी साधना, कांग्रेस से सवाल पूछने वालो पर F.I.R. होना कहीं कोई साजिश तो नहीं?
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