मोदी सरकार ने प्रियंका गाँधी वाड्रा को लोधी रोड स्थित सरकारी बंगले को खाली करने का निर्देश जारी कर दिया हैं. इसके लिए मोदी सरकार ने उन्हें एक अगस्त तक खाली करने का समय भी दिया हैं. अभी कुछ महीने पहले की ही बात हैं जब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा गाँधी परिवार के सदस्यों से वापिस ले ली गयी थी.
इसके बदले में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा गाँधी परिवार के सदस्यों की दी गयी थी, हालाँकि इसपर बहुत अधिक विवाद देश की जनता को सड़कों और संसद के अंदर देखने को मिला था. लेकिन गृहमंत्री अमित शाह जी अपना फैसला बरकरार रखा.
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा हटाए जाने के बावजूद राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा और सोनिआ गाँधी ने अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया था. जिस वजह से इन सरकारी बंगलो के कवर के लिए मजूद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा का लाभ वह अभी भी ले रहे थे.
अब गृह मंत्रालय ने इन सरकारी बंगलों से भी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा का कवर हटा लिया हैं, जिस वजह से अब प्रियंका गाँधी वाड्रा, राहुल गाँधी और सोनिआ गाँधी के पास सरकारी बंगला खाली करने इलावा कोई रास्ता नहीं बचा. इस खबर की पुख़्ता जानकारी देते हुए ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी ने आदेश की कॉपी को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा हैं की, “गाँधी एक और विशेषाधिकार खो रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार द्वारा प्रदान किए गए अपने लुटियंस बंगले को खाली करने के लिए नोटिस दिया. उसे बंगला इसलिए मिला था क्योंकि उन्हें एसपीजी (SPG) संरक्षण प्राप्त था. अब उसने एसपीजी कवर खो दिया है और इसलिए अब उन्हें बंगला भी छोड़ना होगा.”
Gandhis lose another privilege. Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra served notice to vacate her Lutyens Bungalow provided by the Govt. She got the bungalow because she was an SPG protectee. Now she has lost the SPG cover and hence the bungalow. pic.twitter.com/9lt58rVhfD
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) July 1, 2020
कांग्रेस की महासचिव को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगला एसपीजी, गृह मंत्रालय और कैबिनेट सचिवालय की सुरक्षा सलाह के बाद ही दिया गया था. आपको बता दें की प्रियंका गाँधी वाड्रा को कानूनी रूप से एक सामान्य नागरिक प्रियंका को वर्ष 1997 के फरवरी माह में टाइप IV का सरकारी आवास अलॉट किया गया था. क्योंकि प्रियंका गाँधी वाड्रा किसी संविधानिक पद पर नहीं हैं, इसलिए सरकारी आवास मिलने का कोई उद्देश्य भी नहीं था और इसे बहुत पहले खाली करवा लेना चाहिए था.
फिर भी 1997 के बाद अब 2020 में जाकर उन्हें इस सरकारी आवास को खाली करने के निर्देश जारी हुए हैं. लेकिन क्योंकि मामला गाँधी परिवार के सदस्य से जुड़ा हुआ है और संसद का सत्र भी कुछ हफ़्तों में शुरू होने वाला हैं तो आपको संसद में इस फैसले का भारी विरोध देखने को मिल सकता हैं. परन्तु जैसा की हम जानते हैं अमित शाह एक बार कोई निर्देश जारी कर दें तो उसे वापिस नहीं लेते इसलिए उम्मीद तो यही हैं की प्रियंका गाँधी वाड्रा को 1 अगस्त तक सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा.
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